संक्षिप्त इतिहास

शांघाई रूसी विद्यालय

(1949-1950)

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना होने पर पूर्व सोवियत संघ से समाजवादी निर्माण का अनुभव सीखने के लिए देश में रूसी-प्रवीण पेशेवरों की भारी मांग थी। इस स्थिति को देखते हुए शांघाई के तत्कालीन मेयर छेन यी के प्रस्ताव के आधार पर सीपीसी केंद्रीय समिति की तत्कालीन पूर्वी चीन ब्यूरो और शांघाई नगर सीपीसी समिति ने यह निर्णय लिया कि पूर्वी चीन जनवादी क्रांति विश्वविद्यालय के चौथे विभाग के आधार पर शांघाई में रूसी विद्यलय स्थापित हो। इस परिणामस्वरूप नये चीन के पहले विदेशी भाषा विद्यालय के रूप में दिसंबर 1949 में पूर्वी चीन जनवादी क्रांति विश्वविद्यालय से संबद्ध रूसी विद्यालयकी स्थापना की गई।

तब के शांघाई रूसी विद्यालय का सिर्फ एक विषय यानी रूसी भाषा और साहित्य था और वह नये चीन के लिए रूसी-चीनी अनुवादक और दुभाषिये तथा रूसी शिक्षक तैयार करने में लगा था।

शांघाई विदेशी भाषा कॉलेज

(1950-1952)

1950 में विद्यालय का अंग्रेज़ी कार्यक्रम शुरू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसका नाम पूर्वी चीन जनवादी क्रांति विश्वविद्यालय शांघाई विदेशी भाषा कॉलेजमें बदला गया। साथ ही उस का स्थल भी थीयुहुई रोड(पूर्व) पर स्थित आज के हमारे होंगखऊ कैम्पस में बदला गया और इससे पहले यहां चीनान विश्वविद्यालय का परिसर 1 था। अप्रैल 1951 में हमारे पूर्वी भाषा और साहित्य विभाग की स्थापना हुई, जिससे कालेज में बर्मी, वियतनामी और इंडोनेशियाई की पढ़ाई होने लगी। अगस्त 1952 तक पांच विदेशी भाषाओं यानी रूसी, अंग्रेजी, बर्मी, वियतनामी और इंडोनेशियाई की पढ़ाई होने से शांघाई विदेशी भाषा कॉलेज ने एक भरे-पूरे कालेज का मैलिक रूप धारण कर लिया है।

शांघाई रूसी कॉलेज

(1952-1956)

1952 की दूसरी छमाही में चीन में एक नई राष्ट्रीय कालेज भर्ती व्यवस्था शुरू की गयी और शिक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में चीन के उच्च शिक्षा संस्थानों के विभागों में एक राष्ट्रव्यापी समायोजन किया गया। इसके परिणामस्वरूप हमारा पूर्वी भाषा और साहित्य विभाग पेइचिंग विश्वविद्यालय को हस्तांतरित किया गया और सितंबर 1952 में कालेज का नाम शांघाई रूसी कालेज में बदला गया और कालेज के शैक्षणिक कार्यक्रम की अवधि तीन साल की निर्धारित की गई।

इस दौरान कालेज की शिक्षण प्रणाली अनौपचारिक प्रशिक्षण से औपचारिक शिक्षा में बदली गई और औपचारिक शिक्षा की अवधारणा कालेज के प्रशासकों और शिक्षकों के मन में घर कर गई। कालेज के सामान्य शिक्षण और अनुसंधान अनुभागों को पुनर्गठित किया गया और 10 कार्य विशेष शिक्षण और अनुसंधान ग्रुप गठित किये गये यानी प्रैक्टिस कोर्स ग्रुप, अनुवाद कोर्स ग्रुप, साहित्यिक इतिहास कोर्स ग्रुप, भाषा विज्ञान कोर्स ग्रुप आदि आदि। साथ ही कालेज का नया पाठ्य-विवरण(syllabuses) तैयार किया गया और छात्र प्रशासन प्रणाली की स्थापना भी की गई, जो एक सफलता साबित हुई।

शांघाई विदेशी भाषा इन्स्टीट्यूट

(1956-1994)

1956 में राज्य परिषद के अनुमोदन से हमारे कालेज का नाम शांघाई विदेशी भाषा इन्स्टीट्यूट में बदला गया और तीन नये शैक्षणिक कार्यक्रम(अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन) शुरू किये गये। साथ ही हमारे शैक्षणिक कार्यक्रमों की अवधि भी तीन साल से चार साल में बदली गई। 12वीं, सितंबर 1963 को वह सीधे शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूप में केन्द्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किया गया।

1970 के दशक में सुधार और खुला द्वार नीति अपनाने के साथ साथ चीन का राजनयिक कार्य और अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान बढ़ता रहता है, जिससे देश में विदेशी भाषा पेशेवरों की मांग भी बढ़ती रहती है। 1982 में हमारी इन्स्टीट्यूट ने अपने आप को एक एक-विषय इन्स्टीट्यूट से एक बहु-विषय अनुप्रयोग-उन्मुख विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने का काम शुरू किया। 1983 के बाद से अनेक नये विषयों की पढ़ाई शुरू की गई।

इस बीच, हमारी इन्स्टीट्यूट अपनी शिक्षा प्रणाली और संरचना उन्नत और मज़बूत बनाने का काम भी करती रहती थी। सितम्बर 1983 में उसके अंग्रेजी और रूसी विभागों को डॉक्टरेट डिग्री प्रदान करने का अनुमोदन राज्य परिषद अकादमिक डिग्री समिति से प्राप्त हुआ।

1993 में शिक्षा आयोग(अब शिक्षा मंत्रालय) और शांघाई नगरपालिका के निर्देशन में हमारी इन्स्टीट्यूट ने शिक्षा शुल्क व्यवस्था अपनाई(इससे पहले चीन की कालेज शिक्षा निःशुल्क थी।)।  इस व्यवस्था के तहत एक ओर छात्र अपने कालेज या विश्वविद्यालय को शिक्षा शुल्क देते हैं, दूसरी ओर छात्रों को अपने कालेज या विश्वविद्यालय से छात्रवृत्तियां मिल सकती हैं और नियमानुसार छात्र ऋण मिल सकते हैं।

शांघाई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय

(1994 से वर्तमान)

1994 में शिक्षा आयोग के अनुमोदन से शांघाई विदेशी भाषा इन्स्टीट्यूट का नाम शांघाई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय में बदला गया और उसे ऐसे कालेजों या विश्वविद्यालयों की पहली बैच में सूचीबद्ध किया गया, जिनके निर्माण-कार्य में शिक्षा आयोग(अब शिक्षा मंत्रालय) और शांघाई नगरपालिका संयुक्त रूप से सहायता देते हैं।

1996 में सिसु शिक्षा आयोग द्वारा निर्देशित211 परियोजना की मूल्यांकन प्रक्रिया में पास होकर 21वीं सदी में देश के 100 प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक बना।

2000 में हमारा नया परिसर सोंगच्यांग विश्वविद्यालय टाउन में बन गया और हमारे सभी अंडरग्रेजुएट छात्र और पहले साल के स्नातकोत्तर छात्र हमारे नये परिसर में पढ़ने लगे। हमारा सोंगच्यांग परिसर अपनी विदेशी शैलियों की इमारतों के लिये प्रसिद्ध है और वह उच्च गुणवत्ता वाले अंतरराष्ट्रीय पेशेवर तैयार करने का अड्डा और पालना बन रहा है।

जनवरी 2007 में सिसु का नया आदर्श वाक्य, सदाचारिता, दूरदृष्टि और अकादमिक उत्कृष्टता, जिसमें इस विश्वविद्यालय की भावना समाविष्ट है, औपचारिक रूप से निर्धारित किया गया।

पिछले 60 से अधिक वर्षों में हमारा विश्वविद्यालय विकास के अनेक चरणों से गुजरकर  एक रूसी विद्यालय से बढ़कर देश का एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय बन गया है और अब हम उसे एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने का स्वप्न साकार करने की बड़ी कोशिश कर रहा है। हमने देश के लिए बड़ी संख्या में योग्य स्नातक तैयार किये हैं और वे चीन के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए और दुनिया भर के लोगों के साथ दोस्ताना आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए दुनिया के हर कोने में अपने पदचिह्न छोड़ देते रहे हैं।

साझा करें: